Hariyali Amavasya 2020
हरियाली अमावस्या 20 जुलाई 2020 : 47 साल बाद बना ऐसा संयोग
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हरियाली अमावस्या 20 जुलाई 2020 |
सावन के महीने में सोमवती अमावस्या और सोमवती पूर्णिमा का विशेष संयोग
सावन महीने की अमावस्या पर पौधरोपण किया जाता है। इस दिन पौधारोपण से ग्रह दोष शांत होते हैं। इसीलिए इसे हरियाली अमावस्या भी कहते हैं...श्रावण मास में दो सोमवार को दो विशेष तिथि अमावस्या और पूर्णिमा पर आ रहे हैं इससे पहले ये संयोग 47 साल पहले बना था
इस बार ख़ास बात यह भी है कि इस साल श्रावण मास सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही खत्म हो रहा है।
इस साल श्रावण मास में पांच सोमवार का अनोखा योग बन रहा है।
श्रावण मास में आखिरी दो सोमवार को विशेष रूप से अमावस्या और पूर्णिमा पर आ रहे हैं। श्रावण मास में सोमवती अमावस्या और सोमवती पूर्णिमा का संयोग 47 साल पहले बना था।
सावन में सोमवती अमावस्या और सोमवार को पूर्णिमा का संयोग 47 साल बाद आया है। जबकि 20 साल बाद सावन सोमवार को सोमवती और हरियाली अमावस्या का संयोग बन रहा है। इससे पहले 31 जुलाई 2000 में सोमवती और हरियाली अमावस्या एक साथ थी।
इसके बाद यह संयोग (सोमवार से शुरू और सोमवार को खत्म का संयोग ) अब 2024 में बनेगा
पिछले संयोगो की बात करे तो इससे पहले श्रावण मास का आरंभ सोमवार व समाप्ति सोमवार को होने का योग पूर्व में 1976, 1990, 1997 व 2017 में बना था। आगे अब 2024 में यह अद्भुत संयोग बनेगा।
20 साल बाद सावन सोमवार को सोमवती और हरियाली अमावस्या का संयोग बन रहा है। इससे पहले 31 जुलाई 2000 में सोमवती और हरियाली अमावस्या एक साथ थी। इस साल हरियाली अमावस्या के दिन बुध, गुरु, चंद्र, शुक्र और शनि ग्रह अपनी-अपनी राशियों में रहेंगे। ग्रहों की इस स्थिति का शुभ प्रभाव कई राशियों पर देखने को मिलेगा।
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पौधारोपण |
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क्या करें हरियाली अमावस्या के दिन :

2. इस दिन महिलाओं द्वारा तुलसी की 108 परिक्रमाएं की जाती हैं।
3. इस दिन पितरो का विशेष तर्पण भी किया जाता है अमावस्या तिथि का संबंध पितरों से भी माना जाता है। पितरों में प्रधान अर्यमा को माना गया है। भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि वह स्वयं अर्यमा पितरों में प्रधान हैं। हरियाली अमावस्या के दिन पौधरोपण से पितर भी तृप्त होते हैं, यानी इस दिन पौधे लगाने से प्रकृति और पुरुष दोनों ही संतुष्ट होकर मनुष्य को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इसलिए इस दिन पौधा लगाना शुभ माना जाता है।
श्रावण माह के शेष बचे दिनों में आने वाले ये हैं विशेष पर्व :
1. 20 जुलाई -सोमवती हरियाली अमावस्या2. 23 जुलाई -हरियाली तीज
3. 25 जुलाई- नागपंचमी
4. 30 जुलाई- पवित्रा एकादशी
5. 3 अगस्त- सोमवती पूर्णिमा, रक्षाबंधन
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