pushya nakshatra
पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग
नमस्कार दोस्तों आपके माता पिता,गुरुदेव,भगवन और इष्ट देव सभी को मेरा प्रणाम
पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा गया है। इस नक्षत्र में किये जाने वाले कार्य सफल होते है पर वही कुछ कार्य ऐसे भी है
जो इस नक्षत्र में निषेध है चलिए जानते है कि पुष्य नक्षत्र में क्या करे और क्या ना करे...
पुष्य नक्षत्र में क्या करे :
1. इस दिन स्वर्ण व चांदी के आभूषण खरीदने से घर में समृद्धि बनी रहती है।
2. इस दिन नई जमीन, मकान खरीदना, वाहन खरीदना भी शुभ माना जाता है।
3. इस दिन मोती या दक्षिणावर्ती शंख को अपनी दुकान या प्रतिष्ठान में स्थापित करने से व्यापार में सफलता प्राप्त होती है।
4. इस दिन चांदी का छोटा चोकोर टुकड़ा खरीदकर लाएं और इसका पूजन कर श्रीसूक्त का पाठ करें। इससे आर्थिक संकट दूर हो जाता है।
5. इस दिन विष्णु सहित माता लक्ष्मी की पूजा और श्री यंत्र की खरीदी करने से जीवन में समृद्धि आती है।
यह भी जाने : नवरात्री में माता के नौ दिनों के नौ विशेष प्रसाद
6. इस दिन छोटे बालकों को पहली बार विद्याभ्यास के लिए गुरुकुल में भेजा जाता है।
7. इस दिन नए व्यापार और व्यवसाय की शुरुआत करना भी श्रेष्ठ माना जाता है।
8. इस दिन तंत्र-मंत्र की सिद्धि एवं जड़ी-बूटी ग्रहण का कार्य भी किया जाता है। इस दिन साधना करने से उसमें निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है।
9. यदि जन्मकुंडली में स्थित सूर्य दूषित है तो यह दिन दुष्प्रभाव दूर करने का सबसे उत्तम दिन माना गया है।
10. इस दिन गाय को गुड़ खिलाने से आर्थिक लाभ होता है।
11. तांबे के लोटे में जल में दूध, लाल पुष्प और लाल चंदन डालकर सूर्य को अर्घ्य देने से शत्रु कमजोर होते हैं।
12. मंदिर में दीपक जलाने से कार्य में आने वाली बाधा समाप्त होती है।
पुष्य नक्षत्र में क्या ना करे :
पुष्य नक्षत्र सभी नक्षत्रों में सबसे शुभ माना जाता है। परंतु जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते है वैसे ही इस दिन भी कुछ कार्यों को करना अच्छा नही माना जाता है। आइए जानते हैं, दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र पर कौन से वो 3 कार्य हैं जिनको इस दिन नहीं करना चाहिए।
1. विद्वानों का मत है कि इस दिन विवाह नहीं करना चाहिए, क्योंकि पुष्य नक्षत्र के दिन भगवान ब्रह्मा को श्राप मिला था इसलिए यह नक्षत्र विवाह हेतु खराब माना गया है।
यह भी जाने : नवरात्री में माता के नौ दिनों के नौ विशेष रंग
2. पुष्य नक्षत्र यदि बुधवार और शुक्रवार के दिन पड़ रहा है तो यह उत्पातकारी माना जाता हैं, इसलिए इस दिन ना ही कोई वस्तु खरीदें और ना ही कोई शुभ कार्य करें।
3. चिंतामणि नक्षत्र प्रकरण ग्रंथ के श्लोक 10 के अनुसार कहा गया है कि पुष्य, पुनर्वसु और रोहिणी इन तीन नक्षत्रों में सधवा स्त्री नए स्वर्ण आभूषण और नए वस्त्र धारण नहीं करेंगी वैसे तो पुष्य नक्षत्र में स्वर्ण खरीदना शुभ होता है लेकिन मुहूर्त के विपरीत यह फलदायक नहीं माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली से पहले पड़ने वाले पु्ष्य नक्षत्र को अत्यंत लाभकारी माना जाता है और इस नक्षत्र के स्वामी शनि होने के कारण इस दिन सोना, चांदी, वाहन, घर एवं दुकान खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन पंचांग और बहीखाते भी खरीदे जाते हैं। अगर आप भी शुभ मुहूर्त में कुछ खरीदना चाहते है तो इस पु्ष्य नक्षत्र को खाली ना जानें दें। इसी नक्षत्र में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। 27 नक्षत्रों में पुष्य 8 वां नक्षत्र है।
Comments
Post a Comment